उत्तराखंड सरकार द्वारा वोकल फॉर लोकल पर जोर देते हुए हर जिले की योजना का खाका तैयार किया गया है| जिसमें खाद्य पदार्थों एवं अन्य वस्तुओं के उत्पाद को बढ़ावा देते हुए उनका चयन किया गया है |
अल्मोड़ा – अल्मोड़ा में कृषि उत्पाद, हैंडीक्राफ्ट मैन्युफैक्चरर, सेवा क्षेत्र ,आचार, प्राकृतिक रेशे|
बागेश्वर – बागेश्वर में दुग्ध आधारित उत्पाद, लौह बर्तन |
चमोली – चमोली में मछली पालन, रिंगाल, धार्मिक पर्यटन |
देहरादून – देहरादून में मक्का आधारित फार्मा, रक्षा उत्पाद, शिक्षा, इको टूरिज्म।
नैनीताल – नैनीताल में फल प्रसंस्करण, सजावटी मोमबत्ती, ऐपण इत्यादि इसी प्रकार अन्य जिलों को उनकी विशेषताओं के अनुसार बांटा गया।
हेल्थी प्रोडक्ट्स
उत्तराखंड पर्वतों का राज्य है जहां विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों का प्राकृतिक संसाधन है | 2006 में उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में शुरू की गई पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड इसका बहुत अच्छा उदाहरण है, जहां खाने से लेकर सौंदर्य को निखारने तक के प्रोडक्ट आयुर्वेद के अनुसार नई टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बनाए जाते हैं।
यदि हम मेड इन इंडिया की बात करें तो उत्तराखंड में ऐसे कई पदार्थ है जो अपने आप में अलग है और कुछ विशेषता रखते हैं | कुछ खाद्य पदार्थ जिन्हे लोगों ने अपने बूते पर मेड इन इंडिया का हिस्सा बनाया है उनमें से कुछ है-
पश्मीना ऊन – पश्मीना ऊन अल्मोड़ा की जन जागरण समिति की स्वचालित संचालिका और समाजसेवी का मुक्ति दत्ता ने 1998 में पंचाचुली वुमन विवर्स की स्थापना की | उसके बाद 2001 में उन्होंने ऊन कातने और पश्मीना ऊन से शाॅल, स्वेटर, कंबल आदि बनाने का कारखाना लगाया और उन्होंने करीब 300 महिलाओं को रोजगार दिया है | मुक्ति दत्ता ने अपने प्रयासों से इंग्लैंड, अमेरिका, आस्ट्रेलिया सहित यूरोप के कई देशों में यहां के बने सामान की मार्केट विकसित की है।
कैमोमाइल टी – अल्मोड़ा की कैमोमाइल टी (चाय ) की कीमत ₹2000 प्रति किलो है | इस वनस्पति का उत्पादन हिमालय क्रॉपफ़ील्ड मूसाबंगर जिला नैनीताल के अलावा रानीखेत में एक संस्था कर रही है| यह चाय उत्तराखंड के अलावा राज्य के बाहरी क्षेत्रों में भी बिक्री के लिए उपलब्ध है| इससे चाय में मिलाने पर चाय का स्वाद काफी अच्छा हो जाता है यूरोप में इस चाय की काफी मांग है।